Doon Defence Academy Students Visited International Science and Technology Festival 2020-2021

*03 दिवसीय देहरादून इंटरनेशनल साइंस एंड टेक्नोलॉजी फ़ेस्टिवल एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड के साथ संपन्न*
देहरादून में हाइब्रिड मोड़ में आयोजित 03 दिवसीय देहरादून इंटरनेशनल साइंस एंड टेक्नोलॉजी फ़ेस्टिवल का रंगारंग समापन एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड्स के साथ हुआ।
देहरादून में दिव्य हिमगिरि, सरादस्ता, उत्तराखंड कौंसिल साइंस एंड टेक्नोलॉजी, द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के संयुक्त तत्वाधान में 03 दिवसीय देहरादून इंटरनेशनल साइंस एंड टेक्नोलॉजी फ़ेस्टिवल का आयोजन किया गया। फ़ेस्टिवल का उदघाटन मुख्य अतिथि उत्तराखंड शासन के शिक्षा सचिव डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम, आईएएस ने फीता काटकर किया। उदघाटन के वर्चुअल मुख्य अतिथि सिक्किम के पूर्व सांसद एवं आईएमआई के अध्यक्ष डॉ. पीडी राय ने अपना भाषण वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर दिया। फ़ेस्टिवल का समापन हिमालयन स्टेट एजुकेशन एक्सीलेंस अवॉर्ड्स के साथ हुआ। समापन समारोह के वर्चुअल मुख्य अतिथि एचएनबी गढ़वाल सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. योगेंद्र नारायण थे एवं फ़िज़िकल मुख्य अतिथि उत्तराखंड के कृषि एवं उद्यान मंत्री इंजीनियर सुबोध उनियाल थे।

03 दिवसीय फ़ेस्टिवल में 22 इवेंट्स का आयोजन किया गया। जिनमें हिमालयन एडुकेटर्स समिट, साइंस पोस्टर कॉम्पिटिशन, साइंस क्विज, यंग साइंटिस्ट कॉन्क्लेव, हिमालयन मीट, स्मार्ट सिटी कॉन्क्लेव, मैजिक ऑफ मैथ, साइंस सिटी का टूर, यंग वीमेन साइंटिस्ट कॉन्क्लेव, साइंस एंड टेक्नोलॉजी एक्सपो, एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी कॉन्क्लेव, हाइड्रो एंड ग्रीन एनर्जी कॉन्क्लेव, ड्रोन टेक्नोलॉजी कॉन्फ्रेंस आदि प्रमुख थी। फ़ेस्टिवल का आयोजन द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, उत्तराखंड स्टेट सेंटर के प्रांगण में किया गया था। फ़ेस्टिवल का आयोजन हाइब्रिड मोड़ (फ़िज़िकल एवं वर्चुअल) मोड में किया गया था। फ़ेस्टिवल के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग के सहयोग से एक वर्चुअल प्लेटफॉर्म विकसित किया गया था।

फ़ेस्टिवल में 11 हिमालयी राज्यों के केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं उत्तराखंड के सभी सरकारी एवं गैर-सरकारी स्कूल भी इस वर्चुअल प्लेटफ़ॉर्म से जुड़े थे। 03 दिनों में 80,000 छात्रों, अध्यापकों, किसानों एवं विज्ञान प्रेमियों ने इस वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से फ़ेस्टिवल के विभिन्न इवेंट्स का लाभ उठाया। 2000 से ज्यादा छात्रों ने साइंस क्विज और साइंस पोस्टर कॉम्पिटिशन में भाग लिया। पोस्टर कॉम्पिटिशन के विजेताओं को 30,000 रुपए के नकद पुरस्कार प्रदान किये गए। फ़ेस्टिवल के विभिन्न इवेन्ट्स को राज्य के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, एच एन बी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. योगेंद्र नारायण, आईएएस रि., शिक्षा एवं सहकारिता सचिव डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम, आईएएस, यूकोस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेन्द्र डोभाल, भारत सरकार के वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग के चेयरमैन डॉ. अवनीश कुमार, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के सलाहकार, डॉ. डीसी कटोच, भारत सरकार के एपीडा के सलाहकार डॉ. बीएस नेगी, भारत सरकार के सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया के महानिदेशक डॉ. ओमकार राय, पूर्व प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर इनकमटैक्स पीके गुप्ता आईआरएस रि., नेशनल हाइड्रो पॉवर कारपोरेशन के महाप्रबंधक इंजीनियर एसके शर्मा, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सहायक महाप्रबंधक इंजीनियर जयकुमार, उत्तराखंड पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के चैयरमैन ई. नरेंद्र सिंह, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के से.नि. न्यायमूर्ति केडी शाही, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पीपी ध्यानी, आईआईटी कानपुर के अवनीश त्रिपाठी, नार्थ ईस्ट हिल यूनिवर्सिटी (नेहु), शिलांग के कुलपति डॉ. एसके श्रीवास्तव, राजीव गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. साकेत कुशवाह, भारतीय विश्वविद्यालय संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो. दुर्ग सिंह चौहान, डीआईटी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. केके रैना, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील जोशी, पंजाब केसरी उत्तराखंड के संपादक निशीथ जोशी, उत्तराखंड पॉवर कारपोरेशन के पूर्व प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा, उत्तराखंड तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक ई. हरि सिंह, डीएवी पीजी कॉलेज, देहरादून की प्राचार्य डॉ. अजय कुमार सक्सेना, डीएवी पीजी कॉलेज मुज़फ्फरनगर की प्राचार्या डॉ. शशि सक्सेना, आईआईटी रुड़की एलुमनी एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो. एमपी जैन, अपर निदेशक सहकारिता आनंद एड़ी शुक्ला, कृषि वैज्ञानिक डॉ अनिल श्रीवास्तव, यूकॉस्ट के संयुक्त निदेशक डॉ डीपी उनियाल, गोवा स्तिथ अंटार्कटिका रिसर्च सेंटर से डॉ. सुभ्रता मिश्रा, अपर निदेशक विद्यालयी शिक्षा डॉ. मुकुल सती, आदि लोगों ने संबोधित किया। फ़ेस्टिवल को सफल बनाने के लिए वैज्ञानिक एवं तकनीक शब्दावली आयोग भारत सरकार, उत्तराखंड जैविक उत्पाद परिषद, उत्तराखंड तकनीकी शिक्षा विभाग, यूनीसेड, सहकारिता विभाग, भेड़ बकरी पालक किसान सहकारी संघ, दुग्ध उत्पादक संघ, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, मत्स्य विभाग, सिडकुल, श्रम विभाग, उरेडा, टनकपुर प्रौद्योगिकी संस्थान, उत्तराखंड पर्यटन, समर्पण संस्था, हर्षिल फाउंडेशन, उत्तरांचल आयुर्वेद कॉलेज, विद्यालयी शिक्षा विभाग, जैविक बीज प्रमाणीकरण एजेंसी एवं दून डिफ़ेन्स अकैडमी का विशेष सहयोग रहा।

समापन समारोह में हिमालयी राज्य एडुकेटर्स समिट एवं एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड्स-2020 के लिए आई 152 नामांकनों में से 37 संस्थानों को विभिन्न कैटेगिरी में अवार्ड प्रदान किया गया। अवॉर्ड प्राप्त करने वाले संस्थानों में भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी आईआईटी-जम्मू, नार्थ ईस्ट सेंट्रल यूनिवर्सिटी शिलांग, राजीव गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी ईटानगर, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजि, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान ऋषिकेश, इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग देहरादून, उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज, उत्तराखंड के 05 राजकीय पॉलीटेक्निक एवं 03 राजकीय महाविद्यालय, 02 राजकीय विद्यालयों, 02 राजकीय आईटीआई, दून इंटरनेशनल स्कूल जम्मू एवं देहरादून, पेस्टलवीड इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी, टोन्सब्रिज स्कूल, केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी देहरादून, सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रुड़की, तुलाज़ इंस्टिट्यूट, द पॉली किड्स आदि संस्थानों को प्रदान किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रोफेसर अमित अग्रवाल, डॉ. अश्वनी काम्बोज, प्रोफेसर नवीन सिंघल, प्रोफेसर रवि तोमर, प्रोफेसर जेबी पाटनी, डॉ. नरेंद्र पंवार, प्रोफेसर प्रशांत सिंह, प्रो रजनीश गौतम, प्रो हरिओम शंकर, प्रो अर्चना चौहान, प्रो वंदना शर्मा, डॉ मुकेश पांडेय, डॉ गीता खन्ना, रमा गोयल, विनय कुमार, डॉ अविनाश आनंद, जयदीप अरोरा, डॉ एच के पुरोहित, प्रो शैली सिंघल, प्रो कामिका चौधरी, प्रो छबि मिश्रा, डॉ सनंदन थपलियाल, डॉ. आरके भटनागर, आईएएस रि., प्रो मधु थपलियाल, डॉ. नीतू तोमर, अमित पोखरियाल, पूजा पोखरियाल, कुँवर राज अस्थाना, डॉ. पवन कुमार पारस, पूर्व नेवल सब मैरिनर संदीप गुप्ता ( निदेशक- दून डिफ़ेन्स अकैडमी) नवीन थपलियाल, रजत चौधरी, अनुज कुमार, महेंद्र सिंह, पवन सिंह आदि लोगों का विशेष योगदान रहा।

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